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शनिवार, 30 जून 2012

अलविदा पिंकी मौसी ...

"जिस तरह तुम गयी ... कोई नहीं है जाता ...
टूट रहा हूँ मैं ... तुम से माँ का सा नाता ..."





जाओ खूब खुश हो कर जाओ,
और जाते जाते यह भी जान जाओ,
जिसने हर बार की तकरार तुमसे न जाने किन किन बातों पर,
वही मैं आज यह कहता हूँ बहुत याद आओगी तुम न जाने किन किन बातों पर !!
बहुत कुछ सहा तुम ने ता-उमर,अब बहुत हुआ जहाँ भी रहो खुश रहना,
'उससे' कर देना शिकायत,
नहीं तुम्हे है अब कुछ सहना,
बस मौसी अब खुश रहना !!

अलविदा पिंकी मौसी ...

14 टिप्‍पणियां:

  1. ओह , मौसी को हमारी श्रद्धांजलि । शिवम भाई अचानक किसी का यूं छोड कर चले जाना बहुत सालता है कसम से ।

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  2. ओह अश्रुपूरित श्रद्धांजली ...!!

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  3. माँ-सी माँ सी थपकियाँ, मिली झिडकियां प्यार ।

    गोदी में लेकर चलीं, बहुत बहुत आभार ।

    बहुत बहुत आभार, खफा क्यूँ हुई आज माँ ।

    प्यार भरी तकरार, गिरा के गई गाज माँ ।

    श्रद्धा-सुमन चढ़ाय, शांत की करूँ कामना ।

    मौसी प्रभु के धाम, सत्य का करूँ सामना ।।

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  4. अपने का चले जाना हमें अखरता तो है ही....हार्दिक श्रद्धांजलि

    जवाब देंहटाएं
  5. कुछ यहाँ भी hain-
    http://dineshkidillagi.blogspot.in/2012/06/blog-post_4483.html#comment-form

    expression30 June 2012 06:14

    बहुत प्यारी...भावभीनी रचना.
    श्रद्धासुमन
    veerubhai30 June 2012 08:23

    श्रद्धा-सुमन चढ़ाय, शांत की करूँ कामना ।
    मौसी प्रभु के धाम, सत्य का करूँ सामना ।।

    संतोष त्रिवेदी30 June 2012 15:55

    मौसी जी को श्रद्धांजलि

    जवाब देंहटाएं

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