|| माँ ||
बेसन की सौधी रोटी पर
खट्टी चटनी - जैसी माँ
याद आती है चौका - बासन
चिमटा , फुकनी - जैसी माँ ||
बान की खुर्री खाट के ऊपर
हर आहट पर कान धरे
आधी सोयी आधी जागी
थकी दोपहरी - जैसी माँ ||
चिडियों की चहकार में गूँजे
राधा - मोहन , अली - अली
मुर्गे की आवाज़ से खुलती
घर की कुण्डी - जैसी माँ ||
बीवी , बेटी , बहन , पडोसन
थोडी - थोडी सी सब में
दिन भर एक रस्सी के ऊपर
चलती नटनी - जैसी माँ ||
बाँट के अपना चहेरा , माथा
आँखे जाने कहाँ गई
फटे पुराने एक एल्बम में
चंचल लड़की - जैसी माँ ||
----- निदा फाजली .
खट्टी चटनी - जैसी माँ
याद आती है चौका - बासन
चिमटा , फुकनी - जैसी माँ ||
बान की खुर्री खाट के ऊपर
हर आहट पर कान धरे
आधी सोयी आधी जागी
थकी दोपहरी - जैसी माँ ||
चिडियों की चहकार में गूँजे
राधा - मोहन , अली - अली
मुर्गे की आवाज़ से खुलती
घर की कुण्डी - जैसी माँ ||
बीवी , बेटी , बहन , पडोसन
थोडी - थोडी सी सब में
दिन भर एक रस्सी के ऊपर
चलती नटनी - जैसी माँ ||
बाँट के अपना चहेरा , माथा
आँखे जाने कहाँ गई
फटे पुराने एक एल्बम में
चंचल लड़की - जैसी माँ ||
----- निदा फाजली .
मेरी माँ और हर माँ को समर्पित |
|| वन्दे मातरम ||
|| वन्दे मातरम ||
अहा,
जवाब देंहटाएंकह न पाऊँ, ऐसी माँ..
ऐसी भी माँ होती है,...नमन
जवाब देंहटाएंअति सुंदर भाव पुर्ण अभिव्यक्ति ,...
MY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...
दिन भर एक रस्सी के ऊपर
जवाब देंहटाएंचलती नटनी - जैसी माँ ||
सार्थक प्रस्तुति ...!!
वंदे मातरम ....!!
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंआपको मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
माँ है मंदिर मां तीर्थयात्रा है,
माँ प्रार्थना है, माँ भगवान है,
उसके बिना हम बिना माली के बगीचा हैं!
संतप्रवर श्री चन्द्रप्रभ जी
इससे बेहतर कुछ नहीं कहा जा सकता माँ के लिए!!
जवाब देंहटाएंआह कितनी प्यारी माँ .
जवाब देंहटाएंकितनी प्यारी लग रही है मां की तस्वीर!!!
जवाब देंहटाएंवाह भैया!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...दिल खुश हो गया!! :)
हर मां को समर्पित कितनी प्यारी पंक्तियां...
जवाब देंहटाएंमाँ को शत शत नमन .....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंआपको मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
:) मातृदेवो भवः!
जवाब देंहटाएंथके चरण कमजोर पड़े हैं !
जवाब देंहटाएंहम बच्चों के लिए चले हैं ,
हाथ थक गए मेहनत करते
हमको मंजिल पर पंहुचाते
कसम तुम्हे इन छालों की, इक आस जगानी है
नेह दिया, मृदु बाती से , एक ज्योति जगानी है !