पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है | यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता | इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और " भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
अँधेरा सदा से भय का प्रतीक रहा है।
जवाब देंहटाएंअँधेरा जब बहुत गहन हो ,समझ जाएँ उजाला होने ही वाला है ...!!
जवाब देंहटाएंअँधेरे और उजाले में सिर्फ मात्रा का अंतर है.. वैसे ही डर के आगे जीत है!!!
जवाब देंहटाएंतभी तो रास्ते हैं , मंजिलें हैं
जवाब देंहटाएंनयी रौशनी का लाना होगा ... सबको प्रयास करना होगा ...
जवाब देंहटाएंअँधेरे को मिटाने के लिए के दिया तो जलाएंगे, सुबह होने का इंतज़ार है फिर खुशिया तो मनाएंगे ......
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