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मंगलवार, 22 मार्च 2011

बलिदान दिवस पर विशेष रि पोस्ट :- 23/03/1931 - 23/03/2011



सरदार भगतसिंह का अंतिम पत्र अपने साथियों के नाम:


“22 मार्च,1931,




“साथियो,

स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता। लेकिन मैं एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ, कि मैं क़ैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता। 
 
मेरा नाम हिंदुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया है – इतना ऊँचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊँचा मैं हर्गिज़ नहीं हो सकता। 
 
आज मेरी कमज़ोरियाँ जनता के सामने नहीं हैं। अगर मैं फाँसी से बच गया तो वो ज़ाहिर हो जाएँगी और क्रांति का प्रतीक-चिन्ह मद्धिम पड़ जाएगा या संभवतः मिट ही जाए. लेकिन दिलेराना ढंग से हँसते-हँसते मेरे फाँसी चढ़ने की सूरत में हिंदुस्तानी माताएँ अपने बच्चों के भगत सिंह बनने की आरज़ू किया करेंगी और देश की आज़ादी के लिए कुर्बानी देनेवालों की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि क्रांति को रोकना साम्राज्यवाद या तमाम शैतानी शक्तियों के बूते की बात नहीं रहेगी. 
 
हाँ, एक विचार आज भी मेरे मन में आता है कि देश और मानवता के लिए जो कुछ करने की हसरतें मेरे दिल में थी, उनका हजारवाँ भाग भी पूरा नहीं कर सका. अगर स्वतंत्र, ज़िंदा रह सकता तब शायद इन्हें पूरा करने का अवसर मिलता और मैं अपनी हसरतें पूरी कर सकता. इसके सिवाय मेरे मन में कभी कोई लालच फाँसी से बचे रहने का नहीं आया. 
 
 मुझसे अधिक सौभाग्यशाली कौन होगा? आजकल मुझे ख़ुद पर बहुत गर्व है. अब तो बड़ी बेताबी से अंतिम परीक्षा का इंतज़ार है. कामना है कि यह और नज़दीक हो जाए.




आपका साथी,

भगत सिंह ”
 
 
 
 
सभी अमर बलिदानियों को हमारा शत शत नमन !!
 
इंक़लाब जिंदाबाद !!

9 टिप्‍पणियां:

  1. सांस का हर सुमन है वतन के लिए,
    जिन्दगी एक हवन है वतन के लिए,
    कह गयी फ़ांसियों में फ़ंसी गरदनें
    ये हमारा नमन है वतन के लिए॥

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  2. सभी अमर बलिदानियों को हमारा शत शत नमन !!

    इंक़लाब जिंदाबाद !!
    हम पर कर्ज हे इन वीर शहीदो का..इंक़लाब जिंदाबाद !!

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  3. शहीद भगत सिंह, शहीद सुखदेव, शहीद राजगुरु को नमन...

    हम नमन के सिवा और कर भी क्या सकते हैं...


    (ऊपर समीर जी की टिप्पणी में उनका आशय होगा...मेरा शहीदों को नमन)

    जय हिंद...

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  4. शहीदे आज़म सरदार भगत सिंह ,राजगुरु और सुखदेव का उनके बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन ....
    राष्ट्र एवं राष्ट्रवासी आपके सदैव कृतज्ञ और ऋणी रहेंगे |

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  5. देश के वीर सपूतों को शत शत नमन

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