"अहिंसा
को आत्म-बल के सिद्धांत का समर्थन प्राप्त है जिसमे अंतत: प्रतिद्वंदी पर
जीत की आशा में कष्ट सहा जाता है . लेकिन तब क्या हो जब ये प्रयास अपना
लक्ष्य प्राप्त करने में असफल हो जाएं ? तभी हमें आत्म -बल को शारीरिक बल
से जोड़ने की ज़रुरत पड़ती है ताकि हम अत्याचारी और क्रूर दुश्मन के
रहमोकरम पर ना निर्भर करें ."
- शहीद ऐ आज़म सरदार भगत सिंह जी
- शहीद ऐ आज़म सरदार भगत सिंह जी
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 28/09/2018 की बुलेटिन, शहीद ऐ आज़म की १११ वीं जयंती - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे इस पोस्ट को भी शामिल किया गया है |
जवाब देंहटाएंशहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह जी की १११ वीं जयंती पर नमन ।
जवाब देंहटाएंइंकलाब ज़िंदाबाद.
जवाब देंहटाएंहीरो को नमन