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बुधवार, 21 अक्तूबर 2015

आर्ज़ी हुक़ूमत-ए-आज़ाद हिन्द का ७२ वां स्थापना दिवस


21 अक्तूबर 1943 के दिन सिंगापुर के कैथी सिनेमा हॉल में नेताजी “आरज़ी हुकुमत-ए-आज़ाद हिन्द” की स्थापना की घोषणा करते हैं। स्वाभाविक रुप से नेताजी स्वतंत्र भारत की इस अन्तरिम सरकार (Provisional Government of Free India) के प्रधानमंत्री, युद्ध एवं विदेशी मामलों के मंत्री तथा सेना के सर्वोच्च सेनापति चुने जाते हैं।

सरकार के प्रधान के रुप में नेताजी शपथ लेते हैं-


“ईश्वर के नाम पर मैं यह पवित्र शपथ लेता हूँ कि मैं भारत को और अपने अड़तीस करोड़ देशवासियों को आजाद कराऊँगा। मैं सुभाष चन्द्र बोस, अपने जीवन की आखिरी साँस तक आजादी की इस पवित्र लड़ाई को जारी रखूँगा। मैं सदा भारत का सेवक बना रहूँगा और अपने अड़तीस करोड़ भारतीय भाई-बहनों की भलाई को अपना सबसे बड़ा कर्तव्य समझूँगा। आजादी प्राप्त करने के बाद भी, इस आजादी को बनाये रखने के लिए मैं अपने खून की आखिरी बूँद तक बहाने के लिए सदा तैयार रहूँगा।”

 
आज़ाद हिन्द ज़िंदाबाद ... 
नेताजी ज़िंदाबाद ... 
जय हिन्द !!!

2 टिप्‍पणियां:

  1. मैंने इम्फाल में आजाद हिन्द फ़ौज़ का मुख्यालय देखा है जो आज म्यूज़ियम में बदल दिया गया है। वहां हमें आजादी की दूसरी कहानी से परिचय होता है। आज़ादी से कई वर्षो पहले ही कई देशो ने सुभाष चन्द्र बॉस के नेतृत्व वाले सम्प्रभु भारत को देश का दर्ज़ा दे दिया था।

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  2. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन - आजाद हिन्द फौज का 72वां स्थापना दिवस में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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