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शुक्रवार, 24 जनवरी 2014

खाइए झाल मूड़ी जब हो झट पेट भरना ... घर हो चाहे धरना

आज 'आप' सब को मैं अपने प्रिय हल्के फुल्के नाश्ते 'झाल मूड़ी' के बारे मे बताना चाहता हूँ | झाल मूड़ी वैसे बंगाल मे सब से ज्यादा लोकप्रिय है ... वहाँ का हर खास ओ आम झाल मूड़ी का मुरीद है | महाराष्ट्र मे यही झाल मूड़ी थोड़े बदलाव के साथ भेल बन जाती है |

आइये आपको झाल मूड़ी बनाने की विधि भी बताए देता हूँ |

कितने लोगों के लिए : फिलहाल 5 लोगो के लिए ...

सामग्री :

2 कप मुरमुरे, 1 प्याज बारीक कटा हुआ, 1 उबला और बारीक कटा आलू, 1/2 बारीक कटा हुआ खीरा, 2 टी स्पून नीबू का रस, 3 टी स्पून साबुत जीरा, 1 टी स्पून साबुत धनिया, 2 साबुत लाल मिर्च (साबुत मसालों को तवे पर हलका सेंक लें और इनका मसाला पाउडर बना लें। ), 1 टी स्पून बारीक कटा हुआ अदरक, 1 टी स्पून बारीक कटी हरी मिर्च, 50 ग्राम भुने हुए मूंगफली के दाने, 1 टेबल स्पून बारीक कटी हरी धनिया, स्वादानुसार नमक, 2 टी स्पून कच्चा सरसों का तेल

विधि :

अगर आप चाहे तो मुरमुरे को गरम कड़ाही में डालकर थोड़ा सेंक लें जिससे वह थोड़ा और करारे हो जाये। मुरमुरे को एक तरफ रख लें। अब एक बाउल में प्याज, आलू, खीरा और अन्य सभी सामग्री डालकर अच्छी तरह मिलाये। फिर मुरमुरे डालकर तुरंत सर्व करें। 

तो उम्मीद है कि 'आप' भी झाल मूड़ी का लुत्फ लेंगे ... वैसे एक मजे की बात यह है कि अगर 'आप' पहले से तैयारी रखें तो झाल मूड़ी कहीं भी झट से बनाई जा सकती है और पेट भरा जा सकता है ... फिर चाहे 'आप' घर मे हो या बाहर कहीं धरने आदि पर बैठे हो |

खाइए झाल मूड़ी जब हो झट पेट भरना ... घर हो चाहे धरना !!


4 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन राष्ट्रीय बालिका दिवस और ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. बिना किसी झोल-झाल के कह सकता हूँ कि झाल मूढ़ी बहुत ही स्वादिष्ट होता है!!

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  3. उस दिन ट्रेन छोड़नी पड़ी तो बस से घर लौट रहा था और दिल्ली में एंट्री करते करते साढ़े नौ बज गये थे। घर पहुँचने में अभी डेढ़ घंटा लगना था, भूख मिटाने के लिये कुछ और खा लेता तो घर जाकर डांट खानी पड़ती। पहली बार मेट्रो स्टेशन के बाहर झाल-मूड़ी खाई, मजा आ गया। शानदार क्विक स्नैक :)

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