21 अक्तूबर 1943 के दिन सिंगापुर के कैथी सिनेमा हॉल में नेताजी “आरज़ी हुकुमत-ए-आज़ाद हिन्द” की स्थापना की घोषणा करते हैं। स्वाभाविक रुप से नेताजी स्वतंत्र भारत की इस अन्तरिम सरकार (Provisional Government of Free India) के प्रधानमंत्री, युद्ध एवं विदेशी मामलों के मंत्री तथा सेना के सर्वोच्च सेनापति चुने जाते हैं।
सरकार के प्रधान के रुप में नेताजी शपथ लेते हैं-
सरकार के प्रधान के रुप में नेताजी शपथ लेते हैं-
“ईश्वर के नाम पर मैं यह पवित्र शपथ लेता हूँ कि मैं भारत को और अपने अड़तीस करोड़ देशवासियों को आजाद कराऊँगा। मैं सुभाष चन्द्र बोस, अपने जीवन की आखिरी साँस तक आजादी की इस पवित्र लड़ाई को जारी रखूँगा। मैं सदा भारत का सेवक बना रहूँगा और अपने अड़तीस करोड़ भारतीय भाई-बहनों की भलाई को अपना सबसे बड़ा कर्तव्य समझूँगा। आजादी प्राप्त करने के बाद भी, इस आजादी को बनाये रखने के लिए मैं अपने खून की आखिरी बूँद तक बहाने के लिए सदा तैयार रहूँगा।”
आज़ाद हिन्द ज़िंदाबाद ...
नेताजी ज़िंदाबाद ...
जय हिन्द !!!
बहुत सुंदर प्रस्तुति. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जय हो.
जवाब देंहटाएंअन छूए पहलू को आगे किया नेता जी से सभी भारत वासियों को प्रेरणा लेना चाहिए---------।
जवाब देंहटाएंधन्यबद
आपकी यह पोस्ट आज के (२१ अक्टूबर, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - आज़ाद हिन्द फ़ौज को नमन पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंआज के नेता तो नेताजी सुभास को भूल चुके , सुस्मारणके लिए बधाई
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट मैं
नेताजी को प्रणाम
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