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मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

एक अपील :- सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं ... ये सूरत बदलनी चाहिए

एक अपील

आज आप कोई भी खबरिया चैनल खोल लो दो ही खबरे देखने को मिल रही है ... एक तो भारत की विश्व कप जीत और उस से जुड़े हुए विवाद के बारे में या फिर अन्ना हजारे के अनशन के बारे में ... 

अब दिक्कत यह है कि हमारी आज की युवा पीड़ी की जागरूकता फेसबुक या ट्विटर तक ही सिमित रह गयी है ... कोई भी मुद्दा ले लीजिये ... अपना स्टेटस मैसेज लिखा और ज़िम्मेदारी हो गयी पूरी !! 

डिटेल में जाने का नहीं ... टाइम खोटी करने का नहीं ... क्यों कि अपन नेता नहीं ... 

पर क्या इस रवैये से किसी का भला होना है ... जवाब मैं ही दिए देता हूँ ... नहीं !!

आप चाहे कुछ भी करते हो ... जो भी आप की हैसियत हो ... कम से कम देश के लिए इतना तो कर ही सकते है कि अपने आस पास अगर कुछ गलत होता दिखे तो उसका विरोध कीजिये ... नहीं तो कम से कम जो विरोध कर सकते हो उनको सूचित कीजिये ... प्रशासन कुछ नहीं करता क्युकि हम कुछ नहीं करते ... एक बार आवाज़ उठा कर तो देखिये ... फिर आपको पता चलेगा ... आपमें कितना दम है !! 

आम जनता में कितना दम है ... !!! 

सिर्फ एक आवाज़ ... देश और कुछ नहीं मांगता आपसे ... सिर्फ एक इमानदार आवाज़ एक इमानदार पहल !! 


दुष्यंत कुमार जी की एक कविता है ... शायद आपके कुछ काम आये ...

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी
शर्त थी लेकिन कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए

हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए
  



अन्ना हजारे जी की इस पवित्र सामूहिक महा अभियान में  मैं भी पूरी भावनात्मकता के साथ शामिल हूँ ... आप भी आइये !

इंक़लाब जिंदाबाद - जय हिंद !!

9 टिप्‍पणियां:

  1. अपने आस पास अगर कुछ गलत होता दिखे तो उसका विरोध कीजिये ...बहुत सही।

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  2. दुष्यंत जी की सटीक ग़ज़ल के साथ कही गयी आपकी बात के हर शब्द का मैं सम्मान करता हूँ...विश्व कप से अधिक हमें इस बात का गर्व है के हमारे पास एक अन्ना हजारे जैसा महा पुरुष है...

    नीरज

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  3. भाई चलो उनके समर्थन में जेल भरो आन्दोलन में भाग ले

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  4. बिलकुल लोगों को इस आजादी की दूसरी लड़ाई में अपने घरों से निकलकर सड़कों पे आना होगा...

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  5. अपनी आज़ादी को हर्गिज़ हम मिटा सकते नहीं,
    सर कटा सकते हैं, लेकिन सर झुका सकते नहीं...

    जिस फील्ड में भी आप हैं, जो कुछ आप कर सकते हैं, वहीं से शुरुआत कीजिए...बूंद-बूंद से ही सागर बनता है...

    जय हिंद...

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  6. भ्रष्टाचार को अब तो
    समूल नष्ट करना होगा
    सोये हुओ को अब जगना होगा
    वरना अन्जाम से डरना होगा
    ये सोया शेर जागा है आज
    ...इससे बचना है तो
    हथियार डालने होंगे
    एक अन्ना के साथ
    लाखों करोडों सितारे होंगे
    अब आसमाँ को झुकना होगा
    जमीन को उसका हक देना होगा
    देश को भ्रष्टाचार मुक्त करना होगा
    वरना क्रांति ऐसी आयेगी
    सब बहा ले जायेगी
    शासन की जडें हिला जायेगी
    जागो ……सोने वालों
    अब तो जागो………

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  7. आजादी की दूसरी लड़ाई....निकलकर सड़कों पे आना होगा...बहुत सही।

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  8. बस एक ध्येय वाक्य ...'भ्रष्टाचार मिटाना है -हमको आगे आना है '

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  9. हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए

    सच कह रहे हैं।

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