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सोमवार, 5 जून 2017

‘पॉकेट हर्क्युलिस’ मनोहर आइच की प्रथम पुण्यतिथि

भारतीय बॉडी बिल्डिंग जगत में 'फादर ऑफ इंडियन बॉडी बिल्डिंग' के नाम से पहचाने जाने वाले स्वतंत्र भारत के पहले मिस्टर यूनिवर्स ख़िताब के विजेता मनोहर आइच का ०५ जून २०१६ को कोलकाता मे निधन हो गया | वे १०२ वर्ष के थे |

फादर ऑफ इंडियन बॉडी बिल्डिंग कहे जाने वाले मनोहर 1952 में मिस्टर यूनिवर्स बने थे। छोटे कद (4 फीट 11 इंच) के कारण उन्हें ‘पॉकेट हर्क्युलिस’ भी कहा जाता था । इन्होंने एशियन गेम्स में तीन बार गोल्ड मेडल (1951, 1954 और 1958) भी जीता था| 


मनोहर आइच का शुरुआती जीवनः
 
*17 मार्च 1913 को कोमिली जिले के धमती गांव में जन्म हुआ। यह गांव अब बांग्लादेश में है।
*बचपन से ही रेसलिंग और वेट लिफ्टिंग जैसे खेलों में रुचि रखने वाले मनोहर को 12 साल की उम्र में बीमारी ने घेर लिया और उनकी सेहत काफी खराब हो गई।
*सेहत वापस पाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और एक्सरसाइज की। तभी उन्होंने बॉडी बिल्डिंग एक्सरसाइज (जैसे पुश अप्स, सिट अप्स) करनी शुरू की।
*ढाका में स्कूल में पढ़ते हुए उन्होंने मशहूर जादूगर पीसी सरकार सीनियर के साथ शोज में प्रदर्शन करना शुरू किया।
 
पेशेवर जीवन :
 
*1942 में रॉयल एयरफोर्स ज्वाइन किया। साथ ही बॉडी बिल्डिंग भी करते रहे।
*रॉयल एयरफोर्स में रहते हुए एक ब्रिटिश ऑफिसर रियूब मार्टिन ने उन्हें सराहा औऱ इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
*तभी एक ब्रिटिश अफसर को चांटा मारने के कारण मनोहर आइच को जेल हो गई। तब जेल में ही उन्होंने वेट ट्रेनिंग शुरू की। इसे देखते हुए जेल स्टाफ ने उनके लिए खास डाइट की भी व्यवस्था की थी।
*1950 में 37 साल की उम्र में मनोहर ने मिस्टर हर्क्युलिस कॉन्टेस्ट जीता। 1951 में हुए मिस्टर यूनिवर्स कॉन्टेस्ट में वो दूसरे स्थान पर रहे और 1952 में मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीत लिया।
*वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीतने के बाद 1955 में हुई मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहे और 1960 में हुए इसी कॉन्टेस्ट में चौथे नंबर पर। तब उनकी उम्र 47 साल थी।
*1960 के बाद से मनोहर ऐच ने कई बॉडी बिल्डिंग शोज किए। उन्होंने अपना आखिरी शो साल 2003 में 90 साल की उम्र में किया था।
 
 
व्यक्तिगत जीवन : 

*उनकी पत्नी का नाम ज्यूथिका आइच था। 2002 में उनका निधन हो गया|
*मनोहर आइच के दो बेटे और दो बेटियां हैं। उनका एक बेटा अखाड़ा चलाता है तो दूसरा फिटनेस हेल्थ सेंटर।
हम सब श्री मनोहर आइच जी को अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि देते है और सादर नमन करते हैं |

शनिवार, 3 जून 2017

'द ग्रेटेस्ट' मुहम्मद अली की प्रथम पुण्यतिथि

मुहम्मद अली (जन्म कैसियस मर्सलास क्ले, जूनियर; जनवरी 17, 1942 - जून 3, 2016) पूर्व अमेरिकी पेशेवर मुक्केबाज थे, जिन्हें खेल इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा हेवीवेट मुक्केबाज कहा जाता है। उन्हें बीबीसी से स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी ऑफ द सेंचुरी तथा स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड द्वारा स्पोर्ट्समैन ऑफ द सेंचुरी का सम्मान मिल चुका है। अखाड़े में अली अपने फुटवर्क और मुक्के के लिए जाने जाते थे। अली 3 बार हेवीवेट चैम्पियन भी रहे।
व्यक्तिगत जीवन
इन्होंने चार शादियां की थीं और इनके नौ बच्चे हैं। इनमें इनकी एक बेटी लैला अली पेशेवर महिला मुक्केबाज हैं। इन्होंने 1964 में सोंजी रोई से पहली शादी की। दो वर्ष बाद 1966 में ये दोनों अलग हो गए। इन्होंने 26 फरवरी 1965 को इन्होंने अपना नाम मोहम्मद अली रख लिया तथा खुद को अश्वेत मुस्लिम घोषित किया। इन्होंने अपने मुस्लिम धर्म की बात रखते हुए अमेरिकी सेना से जुड़ने से मना कर दिया। सेना से जुड़ने से मना करने के कारण न्यूयॉर्क स्टेट एथलेटिक कमीशन ने इन्हें बॉक्सिंग के लाइसेंस से वंचित कर दिया।
ह्यूस्टन की जूरी ने इन्हें धोखाधड़ी के आरोप में 5 वर्ष की जेल और 10 हजार डॉलर की सजा सुनाई। इनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया था परंतु अपील करने के बाद इस सजा को 10 दिन का कर दिया गया। इन्होंने अगस्त 1967 में बेलिंडा बॉयड से दूसरी शादी की। उन्हें तीन लड़कियां और एक लड़का हुआ। 1976 में ये दोनों भी अलग हो गए|
खेल करियर
इन्होंने पहली बार 1964 में फिर 1974 में और फिर 1978 में विश्व चैंपियनशिप का ख़िताब जीता था। अली ने 1979 में पहली बार संन्यास की घोषणा की, लेकिन 1980 में उन्होंने रिंग में वापसी की लेकिन नए विश्व चैंपियन लैरी होम्स से ये हार गए। मुकाबले को 11वें राउंड में रोका दिया गया। अली 1981 में बॉक्सिंग से वास्तविक रूप में रिटायरमेंट ले लिया। इनके खाते में 56 जीत 37 नॉकआउट और महज 5 हार शामिल हैं।
निधन
2 जून 2016 को इन्हें साँस की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जिस के बाद ३ जून को उनका निधन हो गया | 1984 से ये पारकिंसन की बीमारी से पीड़ित थे। इससे पहले पेशाब की नली में संक्रमण की शिकायत की वजह से दिसंबर 2014 में भी ये अस्पताल में भर्ती हुए थे।
'द ग्रेटेस्ट' मुहम्मद अली को हम सब अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि देते है और सादर नमन करते हैं !!

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