
भारत के पड़ोसी हिमालई देश नेपाल में दीवाली को 'तिहार' या 'स्वान्ति' कहा जाता है। यहां अक्टूबर या नवंबर माह में यह पर्व पांच दिन तक मनाया जाता है और इसकी परंपराएं काफी हद तक वैसी ही हैं जैसी भारत में हैं। नेपाल में पांच दिन के तिहार में पहले दिन कौवे को दूत मानते हुए उसके लिए दाना खिलाया जाता है। दूसरे दिन कुत्ते की, वफादारी के लिए पूजा की जाती है। तीसरे दिन लक्ष्मी पूजा होती है। इस दिन गाय की भी पूजा की जाती है। यह नेपाली संवत का अंतिम दिन होता है इसलिए कारोबारी इसे खूब धूमधाम से मनाते हैं।
चौथे दिन नव वर्ष मनाया जाता है। इस दिन 'महा पूजा' होती है और ईश्वर से अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है। पांचवे दिन भाई टीका होता है, जिस दिन बहनें भाइयों की लंबी उम्र की कामन कर उसे टीका लगाती हैं।
मलेशिया में दीवाली को 'हरी दीवाली' कहा जाता है। वहां हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, साल के सातवें माह में दीवाली मनाई जाती है। इस दिन यहां सार्वजनिक अवकाश रहता है। यहां की परंपराए भी भारत जैसी ही होती हैं। सिंगापुर में परंपरागत भारतीय तरीके से 'दीपावली' मनाई जाती है। इस अवसर पर 'द हिन्दू एंडाउमेंट बोर्ड आफ सिंगापुर' सरकार के साथ मिल कर कई सांस्कृतिक आयोजन करता है।
श्रीलंका में तमिल समुदाय पूरे उत्साह से दीपावली मनाता है। सुबह सवेरे लोग स्नान कर लेते हैं। घरों के आगे रंगोली सजाई जाती है। शाम को घरों में रोशनी की जाती है और दिए जलाए जाते हैं। इसके बाद पूजा होती है और लोग एक दूसरे को मिठाई खिला कर शुभकामनाएं देते हैं। आतिशबाजी छोड़ी जाती है।
त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय के लोग दीवाली को उसी तरह मनाते हैं जिस तरह यह पर्व भारत में मनाया जाता है। न्यूजीलैंड में एशियाई मूल के लोग धूमधाम से दीवाली मनाते हैं। मुख्य आयोजन आकलैंड और वेलिंगटन में होता है। वर्ष 2003 से न्यूजीलैंड की संसद में दीवाली पर एक आधिकारिक समारोह आयोजित किया जाता है।
अमेरिका में भारतीय आबादी के बढ़ने के साथ ही दीवाली का महत्व भी बढ़ता गया। व्हाइट हाउस में पहली बार साल 2003 में दीवाली मनाई गई थी। वर्ष 2007 में कांग्रेस ने इसे आधिकारिक पर्व का दर्जा दे दिया। 2009 में व्हाइट हाउस में बराक ओबामा दीवाली में निजी तौर पर भाग लेने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए।
वर्ष 2009 में भारत की तरह अमेरिका में भी काउबाय स्टेडियम में दीवाली मेला आयोजित किया गया था जिसमें करीब एक लाख लोग आए थे। इसी साल सैन अन्तोनिया आधिकारिक दीवाली महोत्सव का आयोजन करने वाला पहला अमेरिकी शहर बन गया।
आस्ट्रेलिया, कनाडा, फिजी, सूरीनाम, गुयाना, इंडोनेशिया, जापान, केन्या, मारिशस, म्यामां, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, थाईलैंड आदि में भी भारतीय मूल के लोग धूमधाम से दीवाली मनाते हैं।