पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है |
यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता |
इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और
" भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
देखते देखते तीन साल बीत गए.. मुझे तो याद है वो दिन भी जब आप बहुत व्यथित थे.. आपके धीरज ने और उनके आपके प्रति प्रेम ने उनको सदा आपके साथ ही बनाए रखा.. उनकी यादें तो कभी धूमिल नहीं हो सकतीं.. और सदा प्रेरणा देती रहेंगी!! मामा जी को मेरा सादर प्रणाम!!
सादर नमन ||
जवाब देंहटाएंआपके मामाजी को सादर नमन और विनम्र श्रधांजलि।
जवाब देंहटाएंदेखते देखते तीन साल बीत गए.. मुझे तो याद है वो दिन भी जब आप बहुत व्यथित थे.. आपके धीरज ने और उनके आपके प्रति प्रेम ने उनको सदा आपके साथ ही बनाए रखा.. उनकी यादें तो कभी धूमिल नहीं हो सकतीं.. और सदा प्रेरणा देती रहेंगी!!
जवाब देंहटाएंमामा जी को मेरा सादर प्रणाम!!
अच्छा किया, उनकी याद कलमबद्ध कर दी !
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि
सादर नमन..
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