पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है |
यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता |
इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और
" भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
अजी बदनाम हुए तो क्या नाम न होगा इसलिए इन्हें अपना मित्र ही मानिये.
नोट : मेरे उपरोक्त विचार आपके लेख को पढ़ कर ही उत्पन्न हुए हैं जिन्हें मैं "तेरा तुझको अर्पण" वाली तर्ज पर यहाँ टिपण्णी रूप में दर्ज कर रहा हूँ. इस टिपण्णी के पीछे कोई अन्य छिपा हुआ मंतव्य नहीं है. आप इसे उधार में दी गयी टिपण्णी समझ कर प्रतिउत्तर में मेरे ब्लॉग पर टिपण्णी करने के लिए बाध्य नहीं हैं.
मिश्रा जी, समझ तो हमें भी कुछ नहीं आया परंतु "बुरा भला" "दोस्त या दुश्मन" आदि शब्द युग्मों से एक पुराने गीत की पंक्ति ज़रूर याद आ गयी - मानो तो मैं गंगा माँ हूँ न मानो तो बहता पानी...
ये फ़ोटो किसकी लगा दी शिवम भाई?
जवाब देंहटाएंलग तो आप ही रहे हो...
जवाब देंहटाएंमुझे जैसा ही आदमी ... मेरा ही हमनाम ...
जवाब देंहटाएंउल्टा सीधा यह चले ... मुझे करे बदनाम !
बोले तो जबरदस्त... कुम्भ के मेले में तो नहीं बिछड़ा?
इसका नाम भी शिवम मिश्र है क्या ?
जवाब देंहटाएंहम तो हारे अब आप ही बताइए ...
जवाब देंहटाएंकुम्भ के मेले में तो नहीं बिछड़ा?
जवाब देंहटाएंअरे ये तो कलकत्ता से भागा हुआ अपराधी है!! आजकल उत्तर प्रदेश के किसी स्थान में छिपा है!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंअजी बदनाम हुए तो क्या नाम न होगा इसलिए इन्हें अपना मित्र ही मानिये.
जवाब देंहटाएंनोट : मेरे उपरोक्त विचार आपके लेख को पढ़ कर ही उत्पन्न हुए हैं जिन्हें मैं "तेरा तुझको अर्पण" वाली तर्ज पर यहाँ टिपण्णी रूप में दर्ज कर रहा हूँ. इस टिपण्णी के पीछे कोई अन्य छिपा हुआ मंतव्य नहीं है. आप इसे उधार में दी गयी टिपण्णी समझ कर प्रतिउत्तर में मेरे ब्लॉग पर टिपण्णी करने के लिए बाध्य नहीं हैं.
शिवम भाई ईनाम ज्यादा हे चलो फ़िफ़्टी फ़िफ़्टी कर ले, यह तो आप ही लग रहे हो:)
जवाब देंहटाएंरोचक।
जवाब देंहटाएंसुनिए हो , हम तो बराबर चिन्ह गए हैं ..ईनाम का चेक लेकर ही पहुंचिएगा ..बराबर बराबर बंटाएगा माल
जवाब देंहटाएंइनाम डालर में मिलेगा या रुपये में बदल कर दिया जायेगा का है की आज कल पकडे जाने का डर ज्यादा है ना |
जवाब देंहटाएंमिश्रा जी, समझ तो हमें भी कुछ नहीं आया परंतु "बुरा भला" "दोस्त या दुश्मन" आदि शब्द युग्मों से एक पुराने गीत की पंक्ति ज़रूर याद आ गयी -
जवाब देंहटाएंमानो तो मैं गंगा माँ हूँ न मानो तो बहता पानी...
बोलो-बोलो कौन है वोह???? :-) :-)
जवाब देंहटाएंबचके रहना पड़ेगा...
जवाब देंहटाएंनीरज
हा हा इन्हें तो लालटेन लेकर खोजना पड़ेगा.. वैसै ही मिटटी का तेल नहीं मिल रहा है ...नाईस
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा
जवाब देंहटाएंबड़े निशानची...
अच्छा, तो यहाँ भी ये अपराधी भाई जी आ गए हैं :) :)
जवाब देंहटाएंमैं भी पहचानता हूँ...बोलिए कितना हिस्सा मेरा रहेगा :)
Baqi hai Dil mein Shekh Ke Hasrat Gunah Ki
जवाब देंहटाएंKala Karega Munh Bhi Jo Darhi Siyah Ki
sab dil ke arman pure karne ke bahane hai khud hi kaale karname karke kah doge mere jaisa hi koi hai mujhe badanm kar raha hai