tag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post8946834078722705550..comments2024-03-12T14:48:06.548+05:30Comments on बुरा भला: ८०० वीं पोस्ट :- शिक्षा का व्यवसायीकरण = कक्षा एक किताबें दस शिवम् मिश्राhttp://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-43193756590298690542013-07-11T16:06:23.380+05:302013-07-11T16:06:23.380+05:30८०० वीं पोस्ट के लिये ढेरों बधाइयाँ।८०० वीं पोस्ट के लिये ढेरों बधाइयाँ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-44641298409041776612013-07-11T16:05:54.885+05:302013-07-11T16:05:54.885+05:30बच्चे को शिक्षित बनाने के लिये अभिभावक कुछ भी खर्च...बच्चे को शिक्षित बनाने के लिये अभिभावक कुछ भी खर्च करने को तैयार रहता है, इसी का अनुचित लाभ उठाते हैं सब लोग।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-175966276614390872013-07-08T21:01:24.650+05:302013-07-08T21:01:24.650+05:30सुन्दर लेखन शिवम भईया। 800 वीं पोस्ट की हार्दिक बध...सुन्दर लेखन शिवम भईया। 800 वीं पोस्ट की हार्दिक बधाई।HARSHVARDHAN https://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-56092784724416786382013-07-08T15:32:41.567+05:302013-07-08T15:32:41.567+05:30hamra comment kaha hai hamra comment kaha hai anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-67607795492810779452013-07-08T15:07:17.848+05:302013-07-08T15:07:17.848+05:30सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत बध...सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत बधाई आपको .Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18391630430260559342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-76294255643373046392013-07-08T10:15:44.994+05:302013-07-08T10:15:44.994+05:30मेरी बेटी का स्कुल इस मामले में काफी अच्छा साबित ह...मेरी बेटी का स्कुल इस मामले में काफी अच्छा साबित हुए किताबे है ४-५ है जो बस समय सारणी के हिसाब से ले जानी होती है रोज नहीं , कुछ किताबे स्कुल में ही रहती है वही पढो वही छोड़ दो , गृह कार्य के लिए भी एक पेज मिलता है कॉपी नहीं उसे करके घर में ही रखी फ़ाइल में रख दो , स्कुल में भी वर्कशीट पर लिखवाते है वही घर आता है फाईल में रखने के लिए , उसे एक साथ माँगा कर देख लेंगे , कोई परीक्षा टेस्ट नम्बरी नहीं होगा , जो पढ़ते है उसके बच्चो से लिखवा कर देखते तो है लेकिन टेस्ट या नम्बरी जैसा कुछ नहीं है , किन्तु बाकि कई स्कुलो का हाल वही है जो आप ने बताया है मित्रो को परेशान होते देखती हूँ , अभी पहली कक्षा में ही टेस्ट बच्चो से ज्यादा माँ बाप परेशान होते है । यहाँ मुंबई में शिक्षा को व्यापार का सही रूप देखने को मिलता है , हर स्कुल अब आई बी ( इंटरनेशनल बोर्ड ) में बदलता जा रहा है या उसकी भी एक शाखा खुलती जा रही है , फ़ीस तो सुनिए नर्सरी से ही ४-५ लाख रु सालाना सारी सुविधा मिलेगी , कुछ तो फूली ए सी होते है तो कुछ पञ्च सितारा होटलों को मात देते , तो कुछ सुविधा के नाम पर बेफकुफ़ बनाते , सबसे बड़ी बात पढाई का कोई दबाव नहीं होगा माँ बाप को परेशान होने की जरुरत नहीं है भारतीय बोर्ड से थोडा धिरे चलते है सो बच्चो को समझ आने पर ही उनकी समझ का पढ़ाया जता है भारतीय बोर्ड की तरह नहीं सब कुछ आज ही सिखा देंगे, माँ बाप कई बार मजबूरी में तो ज्यादातर स्टेटस के लिए अपने बच्चो को यहाँ बढ़ाते है , ये भी कुकुरमुत्तो की तरह यहा खुल रहे है । anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-50029786467671689532013-07-07T17:30:29.151+05:302013-07-07T17:30:29.151+05:30यह बोझ कुछ लोगों के लिए व्यावसायिक लाभ का विषय है ...यह बोझ कुछ लोगों के लिए व्यावसायिक लाभ का विषय है पर बच्चों को मानसिक तनाव और शारीरिक समस्याओं के सिवा कुछ नहीं मिल रहा .... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.com