tag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post8754668538013936207..comments2024-03-12T14:48:06.548+05:30Comments on बुरा भला: किस रूप मे याद रखा जाएगा जंतर मंतर को शिवम् मिश्राhttp://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-78567343368077323252014-02-07T17:31:40.191+05:302014-02-07T17:31:40.191+05:30काश अपने मौलिक योगदान के लिये याद रखा जाये इसे।काश अपने मौलिक योगदान के लिये याद रखा जाये इसे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-83598139539032349912014-02-05T21:15:48.102+05:302014-02-05T21:15:48.102+05:30शिवम बाबू! इतिहास के गवाह आजकल अपने इतिहास के कारण...शिवम बाबू! इतिहास के गवाह आजकल अपने इतिहास के कारण कम और उनकी दीवारों पर लगे ज़ख्मों के कारण ज़्यादा जाने जाते हैं जिनमें फलाना लव्स ढिकाना और फलाना + फलानी गोद दिया गया होता है! वैसे ही जंतर मंतर आपने सही कहा धरने की जगह से दूर होने के बावजूद भी किसी और ही मायने में जाना जाता है!! चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-49245876299576279762014-02-05T18:42:04.974+05:302014-02-05T18:42:04.974+05:30पर चौक की चर्चा कौन करता है ... हर कोई यही कहता है...पर चौक की चर्चा कौन करता है ... हर कोई यही कहता है कि जंतर मंतर पर धरना है ... मुझे लगता है इस जगह को लोग इस के मूल कारण से भूलते जा रहे है | अगर आज भी लोग इसको इस के मूल स्वरूप मे याद रखें है तो इस से ज्यादा खुशी की कोई बात नहीं होगी और मुझे गलत साबित होने पर कोई मलाल नहीं होगा | शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-68003086795728428702014-02-05T18:35:33.475+05:302014-02-05T18:35:33.475+05:30 जंतर मंतर को जब पहली बार देखा था तो विज्ञान पर आध... जंतर मंतर को जब पहली बार देखा था तो विज्ञान पर आधारित संरचना होने के कारण बहुत ही कौतुहल से इसको देखा समझा था । आज जंतर मंतर का पूरा इतिहास जानना और सुखद लगा । अरे महाराज आप जिस स्थान की ओर इशारा कर रहे हैं वो जंतर मंतर चौक है ..जंतर मंतर से कहीं आगे । हमारे ख्याल से लोकतंत्र में ये स्वस्थ बात है लोगों को अपना प्रतिरोध वो भी जनतांत्रिक तरीके दिखाने जताने के लिए एक मुफ़ीद स्थान उपलबध है । यदि इसे चौक को लोगों के संघर्ष के लिए प्रतीक स्वरूप भी देखा जाता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-36453402558459259862014-02-05T18:26:56.309+05:302014-02-05T18:26:56.309+05:30बहुत सुंदर संग्रह
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