tag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post5067639837129928892..comments2024-03-12T14:48:06.548+05:30Comments on बुरा भला: एलआईसी के सामने पानी भर रहीं निजी बीमा कंपनियांशिवम् मिश्राhttp://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-11357963368036132342009-10-03T22:18:44.060+05:302009-10-03T22:18:44.060+05:30जब दुनियॉं में कई तरह की लूट मची हुई हो और देश के ...जब दुनियॉं में कई तरह की लूट मची हुई हो और देश के ही एक राश्ट्ीयकृत बीमा निगम ने लोगों का दिल जितकर निजीकरण की मूंंह में तमाचा मार कर यह साबित कर दिया कि बीमा कंपनी चलाना तुम्हारा काम नहीं है । <br /><br /> इरडा के ऑंकडों से देशी कर्ता -धर्ताओं को सबक लेकर बीमा निगम को खत्म करने का सरकारी प्रयास अविलम्ब बंद कर देना चाहिए और अन्य निजी कंपनीयों को पूर्व की भॉती अधिग्रहण करते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम के अधिन करना सवर्था उचित होगा ।एस.के.रायhttps://www.blogger.com/profile/13130055447332682963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-69985362378367974492009-10-03T07:55:33.044+05:302009-10-03T07:55:33.044+05:30पोस्ट सार्थक रही।
जन्म-दिवस पर
महात्मा गांधी जी औ...पोस्ट सार्थक रही।<br /><br />जन्म-दिवस पर<br />महात्मा गांधी जी और <br />पं.लालबहादुर शास्त्री जी को नमन।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-87715938584805497502009-10-03T01:22:07.835+05:302009-10-03T01:22:07.835+05:30अच्छी सूचनाएं हैं। एलआईसी को अपने एजेण्टों को और...अच्छी सूचनाएं हैं। एलआईसी को अपने एजेण्टों को और अधिक प्रशिक्षित करना चाहिए तथा उनमें व्यावसायिकता (प्रोफेशनलिजम) विकसित करनी चाहिए। <br />आपसे सम्कर्प कैसे किया जा सकता है, बताइएगा।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-84991444236547197522009-10-03T00:39:12.429+05:302009-10-03T00:39:12.429+05:30इस का कारण निजि बीमा कंपनियों की सेवाओँ के स्तर, क...इस का कारण निजि बीमा कंपनियों की सेवाओँ के स्तर, कम लाभ और विवादित दावों की संख्या अधिक होना है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com