पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है |
यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता |
इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और
" भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
शुक्रवार, 18 अगस्त 2017
'महाकाल' की विलुप्तता के ७२ वर्ष
"मृतक
ने तुमसे कुछ नहीं लिया | वह अपने लिए कुछ नहीं चाहता था |
उसने अपने को
देश को समर्पित कर दिया और स्वयं विलुप्तता मे चला गया |"
नमन।
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, 'महाकाल' की विलुप्तता के ७२ वर्ष - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावनाओं से ओत -प्रोत ,हृदय की बात धीमे से कहती आपकी रचना हृदय को स्पर्श करती हुई। आभार ,"एकलव्य"
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