पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है |
यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता |
इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और
" भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
मंगलवार, 26 नवंबर 2013
एक लौ इस तरह क्यूँ बुझी ... मेरे मौला
५ साल पहले आज ही के दिन मुंबई घायल हुई थी ... वो घाव आज भी पूरी तरह नहीं भरे है ...
केवल सैनिक ही नहीं ... हर एक इंसान जिस ने उस दिन ... 'शैतान' का सामना किया था ... नमन उन सब को !
जवाब देंहटाएंकभी भरेगी नहीं
नमन!
जवाब देंहटाएंइस हादसे से उबरने की ,मुम्बई में की गयी कोशिश के जज़बे को सलाम !
जवाब देंहटाएंEk naasoor jo aaj bhi hara hai.. Meri shraddhaanjali sabhi sainikon aur asainikon ko!!
जवाब देंहटाएंसलाम है अमर शहीदों को ....
जवाब देंहटाएं26/11 में शहीद हुए अमर शहीदों को शत शत नमन।। ऐसी घटना दुनिया में फिर कभी ना हो !!
जवाब देंहटाएंनमन .....
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