पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है |
यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता |
इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और
" भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
गुरुवार, 25 अक्टूबर 2012
हद है साला सब 'उल्टा पुल्टा' हो गया ... :(
इस एपिसोड को सच मे उस 'ऊपर वाले' ने 'मिस-डाइरैक्ट' कर दिया ...
सुबह सुबह खबर देखी बहुत दुख हुआ , बचपन में उन्होंने हम सभी को खूब हंसाया है और आज भी उनकी भ्रष्टाचार से लड़ाई अपने तरीके से जारी थी ।
जवाब देंहटाएंजसपाल भट्टी जी को श्रद्धांजलि ।
व्यंग्य की सही परिभाषा इलेक्ट्रौनिक मीडिया के ज़रिये इन्होंने ही समझाई!! इंसा दूसरा कोई नहीं!!
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि..
जवाब देंहटाएंदुखद ...
जवाब देंहटाएंअलविदा हँसी की भट्टी..:(
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