आज
ब्लॉग बुलेटिन पर पोस्ट लगाते हुये जब शीर्षक लिखने की बारी आई तो अपने आप ही एक लय मे कुछ शब्द मन मे आ गए ... आप भी देखिये और बतायें इनको क्या नाम दूँ !
"आओ फिर दिल बहलाएँ ...
आज फिर रावण जलाएं ...
आज फिर हम राम बन जाएँ ...
कल फिर एक सीता हर लाएँ ...
आओ फिर दिल बहलाएँ !"
आप सब को दशहरे की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
bahut khoob
जवाब देंहटाएंखुद को बचा के रावण को मार दिया...
जवाब देंहटाएंचिंतन योग्य पोस्ट के लिए बधाई !
शुभकामनायें शिवम !
वाह ... बहुत खूब
जवाब देंहटाएंसबको दशहरे की शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंआपको भी विजयादशमी की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंविजयादशमी की शुभकामनायें
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