tag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post7723310994302863221..comments2024-03-12T14:48:06.548+05:30Comments on बुरा भला: संगीत से सधे मन !!शिवम् मिश्राhttp://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-839764437072378702010-05-12T21:28:07.619+05:302010-05-12T21:28:07.619+05:30अति सुंदर रचना के लिये, बहुत अच्छी जानकारियां मिली...अति सुंदर रचना के लिये, बहुत अच्छी जानकारियां मिली. धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-67281999642190812142010-05-12T21:00:41.799+05:302010-05-12T21:00:41.799+05:30जानकारीपूर्ण आलेख..संगीत का अद्भुत असर होता है.
...जानकारीपूर्ण आलेख..संगीत का अद्भुत असर होता है.<br /><br /><br />एक अपील:<br /><br /><b>विवादकर्ता की कुछ मजबूरियाँ रही होंगी, उन्हें क्षमा करते हुए विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.<br /></b><br />हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.<br /><br />-समीर लाल ’समीर’Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-58034093781971157232010-05-12T19:32:06.855+05:302010-05-12T19:32:06.855+05:30शिवम बाबू, अपका हर पोस्ट के जैसा इससे भी बहुत कुछ ...शिवम बाबू, अपका हर पोस्ट के जैसा इससे भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है..संगीत त अजीब भगवानी चीज है... शर्लॉक होम्स भी जब परेसान हो जाता था त वायलिन बजाने लगता थ... हमरे शहर में एगो मसहूर डॉक्टर थे ऊ पेसेंट देखते देखते अचानक उठकर बगल वाला रूम मं जाकर सितार बजने लगते थे... लोग उनको पगला कहता था… जो भी हो बहुत बढिया जानकरीदेते रहते हैं आप.चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-1909694094592229822010-05-12T16:11:45.877+05:302010-05-12T16:11:45.877+05:30इस विषय पर मैंने भी कई वर्ष पूर्व एक आलेख लिखा था।...इस विषय पर मैंने भी कई वर्ष पूर्व एक आलेख लिखा था। दिक्कत यही है कि उपचार की ऐसी विधाएं मुफ्त होने के कारण लोकप्रिय नहीं हो पा रही हैं और अगर संगीत का इस्तेमाल कर उपचार करने वाली कोई विधा ईजाद की जाती है तो उसमें चिकित्सा का एलीमेंट कम और आश्चर्य का एलीमेंट ज्यादा देखा जाता है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-78538485045311626362010-05-12T16:03:35.509+05:302010-05-12T16:03:35.509+05:30Nice information, thank yourNice information, thank yourAnurag Geetehttps://www.blogger.com/profile/02127267231204494318noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-71301697780331294432010-05-12T15:07:20.782+05:302010-05-12T15:07:20.782+05:30बहुत बढ़िया जानकारीपूर्ण आलेख......... आभार.बहुत बढ़िया जानकारीपूर्ण आलेख......... आभार.महेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-68320634853800646742010-05-12T15:07:20.783+05:302010-05-12T15:07:20.783+05:30बहुत बढ़िया जानकारीपूर्ण आलेख......... आभार.बहुत बढ़िया जानकारीपूर्ण आलेख......... आभार.महेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.com