tag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post4710807444136364491..comments2024-03-12T14:48:06.548+05:30Comments on बुरा भला: दुनिया की दस सबसे खुबसूरत महिलाओं में एक रही राजमाता गायत्री देवी का निधनशिवम् मिश्राhttp://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-91268646124036444972009-07-30T10:36:08.972+05:302009-07-30T10:36:08.972+05:30लावण्या जी ,
जानकारी के लिए बहुत बहुत आभार |लावण्या जी ,<br />जानकारी के लिए बहुत बहुत आभार |शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-15746119137781076742009-07-30T04:58:43.450+05:302009-07-30T04:58:43.450+05:30महाराज कुमारी गायत्री देवी का जन्म २३ मे १९१९ के द...महाराज कुमारी गायत्री देवी का जन्म २३ मे १९१९ के दिन हुआ था। <br />महारानी इंदिरा देवी, महारानी गायत्री देवी की माताजी हैं। महारानी इंदिरा देवी, स्वयं संतान हैं -- Maharaja Sayaji Rao III और महारानी चिम्नाबाई (बरोदा के राजा व रानी )की । महारानी गायत्री देवी के पिताजी हैं : Maharaja Jitendra Narayan Bhup Bahadur, जो, महारानी सुनीति देवी सेन एवं Maharaja Nripendra Nayaran Bhup Bahadur की संतान हैं ।<br />महारानी गायत्री देवी , जयपुर की महारानी बनीं।<br />आइये, जयपुर राज्य का इतिहास , देखें -<br />महाराजा सवाई मान सिंघ २ का जन्म एक साधारण से ग्राम प्रांत में , ठाकुर ( Lieutenant-Colonel ) राजा सवाई सिन्घजी व ठकुराइन, ( ठाकुर श्री उमराव सिंघ कोटला की पुत्री ) , की इसाराडा की कोठी में , अगस्त २१ , १९११ की दिन हुआ था। वे उनकी दूसरी संतान थे और उन्होंने पुत्र का प्यार भरा नाम रखा " मोर मुकुट सिंघ "। <br />इस बालक का भविष्य अलग था .. ११ साल की उमर में जयपुर राज्य की गद्दी का वारिस बनते ही ,इसे , शानो शौकत की जिन्दगी नसीब हुई। वही कालांतर में, महाराज सवाई मान सिंघ के नाम से विख्यात हुए। महाराज , पोलो खेल के कुशल खिलाड़ी थे और दुसरे विश्व युध्ध में भी , उन्होंने , हिस्सा लिया था। स्पेन राज्य के दूत भी बने थे एवम कच्छवा राजपुतोँ के वे मुखिया हैँ । <br />उनकी पदवी के मुताबिक , उनका पूरा नाम है -- सरमद -इ -राजा -इ -हीन्दुस्तान , राज राजेश्वर , श्री राजाधिराज् , महाराज सवाई जय सिंघ २ , महाराज।<br />१७०० से १७४३ तक उन्हीके पिता ने राज किया जिनके नाम पे , शहर जयपुर को नाम मिला हुआ है। जयपुर शहर की संरचना , उन्हीं के आदेशानुसार हुई है। आम्बेर की पुरानी राजधानी से नयी जयपुर राजधानी का तबादला किया गया।<br />बादशाह , मुहम्मद औरंगजेब की बदौलत ही " सवाई " जयपुर राज्य के राजा के नाम के साथ हमेशा के लिए, जोड़ दिया गया ।।<br />१८८० से १९२२ , तक , महाराजा सवाई माधो सिंघ २ ने राज किया । एक बार जब् एडवर्ड सप्तम के राज्याभिषेक के समय , इंग्लैंड की यात्रा का अवसर आया , उस वक्त , महाराज की प्यास बुझाने , गंगा जल, चांदी के विशालकाय घडोँ मेँ , समुद्र पार करके ले जाया गया । चूंकि , समुद्रपार करना अपवित्र समझा जाता रहा था उस वक्त , और महाराज, माधो सिंघ , गंगा जल ही वहां इंग्लैंड में भी उपयोग करते रहे ! और , आज भी जयपुर के राजमहल में, वही चांदी के विशालकाय घडे , आज भी पर्यटक देख सकते हैँ !!<br />इन को , विश्व के विशालतम चांदी के बरतन , होने का श्रेय भी हासिल है !<br /><br /><br />सरमद -इ -राजा -इ -हिंदुस्तान , राज राजेश्वर श्री महाराजधिराजा महाराजा सवाई श्री सर मान सिंघ २, महाराजा ने , १९२२ से १९७० तक , राज किया । " सर " का खिताब उन्हें ब्रितानी सरकार ने दिया था । वे पोलो की टीम लेकर, ब्रिटेन गए जहां ब्रिटिश ओपन , जीते । १९४७ , राजप्रमुख राजस्थान बनकर, जयपुर का कार्यभार सम्हालते रहे - फ़िर , १९६४ से १९७० भारतीय दूत बनकर स्पेन गए । । महाराज जे सिंघ जी तथा महारानी गायत्री देवी ने विदेशों से आए , जैक्लिन केनेडी तथा इंग्लैंड की महारानी एलिज़बेथ द्वितीय २ जैसी हस्तियों का जयपुर में स्वागत सत्कार किया है। <br />१९७० तक राज करने वाले महाराज जे सिंघ जी तथा महारानी गायत्री देवी - इस परिवार का इतिहास , मानो भारत वर्ष के इतिहास का आइना - सा , लगता है - जहां, आपको मुगलिया सल्तनत के साथ साथ राजपूतों का मिला जुला इतिहास, दिखाई देता है और ब्रितानी ताकत के साथ बदलते समाज व राजघरानों का इतिहास भी दीखता है जो , भारत की आज़ादी के समय तक आ पहुंचता है ....<br />........आज, भी , जयपुर राज्य , सैलानियों के लिए प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है जिसकी वजह से ही , आतंकवादीयों के निशाने से घायल है ये गुलाबी शहर ...<br />आगे , इतिहास की प्रतीक्षा करता हुआ , अतीत को संजोए , आप की प्रतीक्षा करता ...<br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.com