tag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post2203791221350778739..comments2024-03-12T14:48:06.548+05:30Comments on बुरा भला: ९० के दशक के बाद बदलती देश की पत्रकारिताशिवम् मिश्राhttp://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-41950627300974062132009-11-19T23:47:59.131+05:302009-11-19T23:47:59.131+05:30हिर्देश, बहुत बढ़िया लिखा आपने ! कभी कभी खुद पर ना...हिर्देश, बहुत बढ़िया लिखा आपने ! कभी कभी खुद पर नाज़ होता है कि आप को इतना नज़दीक से जानने का सौभाग्य मिला है ! मैनपुरी को आप जैसे युवा पत्रकारों पर नाज़ है | आपको और आपके 'सत्यम न्यूज़ चैनल' की पूरी टीम को बहुत बहुत शुभकामनाएं !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3999804800669411731.post-46090660616298549722009-11-19T22:01:58.482+05:302009-11-19T22:01:58.482+05:30अजी भारत मै नोकरिया तो बहुत है अगर कहे कि चारो ओर...अजी भारत मै नोकरिया तो बहुत है अगर कहे कि चारो ओर बिखरी है गलत नही, हर तरफ़ लेकिन हमारे देश मै पता नही क्यो लोगो को तरसा तरसा कर चीज देने की आदत है,अब यह नेता पत नही इन नोकरियो पर भी अपनी राज नीति करते है, अगर सब को रोजगार मिल जाये तो हम दिन दुनी रात चोनी तर्क्की करे, हम दुर बेठे यह सब महसुस करते है, भरत की जनता यह महसुस करती है लेकिन सरकार नही.<br />आप ने लेख बहुत सुंदर लिखा, काश हमारा मिडिया हमारी पत्रकारिता स्वतंत्र हो तो बात बनेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com