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शनिवार, 28 सितंबर 2013

शहीद - ए - आजम सरदार भगत सिंह जी की १०६ वीं जयंती




उसे यह फ़िक्र है हरदम,
नया तर्जे-जफ़ा क्या है?
हमें यह शौक देखें,
सितम की इंतहा क्या है?
दहर से क्यों खफ़ा रहे,
चर्ख का क्यों गिला करें,
सारा जहाँ अदू सही,
आओ मुकाबला करें।
कोई दम का मेहमान हूँ,
ए-अहले-महफ़िल,
चरागे सहर हूँ,
बुझा चाहता हूँ।
मेरी हवाओं में रहेगी,
ख़यालों की बिजली,
यह मुश्त-ए-ख़ाक है फ़ानी,
 
रहे रहे न रहे।
 
- शहीद - ए - आजम सरदार भगत सिंह जी

 
 शहीद - ए - आजम सरदार भगत सिंह जी को उनकी १०६ वीं जयंती के अवसर पर शत शत नमन !
 इंकलाब ज़िंदाबाद !!!

5 टिप्‍पणियां:

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