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सोमवार, 1 अक्तूबर 2012

बल्लु मामा , कार्तिक मुझ से अधिक समझदार है ...

बल्लु मामा जी ,
पालागन !

आपको मालूम है ... कार्तिक मुझे से अधिक समझदार है ... वो समझ गया है कि कल सुबह उसके जल्दी उठने और झटपट तैयार हो सब के साथ अचानक ग्वालियर जाने का क्या कारण था ... वो समझ गया है क्यूँ घर के आगे इतनी भीड़ थी ... वो समझ गया है ... वो जान गया है क्यूँ कल किसी ने उस की ओर इतना ध्यान नहीं दिया ... वो समझ गया है क्यूँ उसको और बाकी बच्चों को ऊपर वाले कमरे मे बैठा दिया गया था ... वो बिलकुल भी परेशान नहीं है कि क्यूँ उसका शुभम मामा हमेशा की तरह उसके साथ नहीं खेला ... वो समझ गया है क्यूँ कल सब शुभम को ही खोज रहे थे ... वो समझ गया है ... क्यूँ सब शुभम को समझा रहे थे ... वो जान गया है क्यूँ सब वहाँ रो रहे थे ... वो समझ गया है ... बिना किसी के समझाये वो जान गया है सब कुछ ... पहले कमरे मे फिर घर के दरवाजे पर जो सफ़ेद कपड़े ओड़े लेटा था ... कार्तिक जान गया है ... वो कौन था ... वो आप थे ... बल्लु मामा ... वो जान गया है ... वो आप थे ... उस के बल्लु नाना ... वो जान गया है ... बिना किसी के समझाये ... वो सब समझ गया है !!

काश इतनी अक्ल मुझ मे या परिवार के बाकी लोगो मे भी होती ... काश के हम सब भी कुछ समझ पाते या खुद को समझा पाते ... नहीं है इतनी अक्ल या समझ हम मे से किसी मे ... इस मामले मे हम सब बेवकूफ है ... नहीं समझ आ रहा है हम मे से किसी को भी कि यह सब क्या हो रहा है ... ३ महीने के अंदर यह दूसरा झटका ... वो भी इतना जोरदार कि हम मे से कोई भी संभल ही नहीं पा रहा ... पहले पिंकी मौसी ... और अब आप ... कोई ऐसे तो नहीं जाता है न अपने बच्चो को छोड़ कर ... 

क्यूँ बल्लु मामा ... क्यूँ ???


आपके जवाब के इंतज़ार मे ...

8 टिप्‍पणियां:

  1. बेहद कठिन समय चल रहा है ये हम सबका शायद । बहुत ही दुखद सूचना शिवम भाई , हौसला बनाए रखिएगा और कार्तिक बेटे का ख्याल रखिएगा । ओह !

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  2. शिवम बाबू!फेसबुक पर कही गयी बात के लिए क्षमा और मेरी श्रद्धांजलि!!

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  3. श्रद्धांजलि ....बच्चे कहते नहीं,समझते हैं ...कार्तिक अभी बहुत छोटा है,उसका ध्यान रखने के लिए खुद को मजबूत रखना होगा

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