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गुरुवार, 26 जुलाई 2012

कारगिल विजय दिवस 2012 - बस इतना याद रहे ... एक साथी और भी था ...



खामोश है जो यह वो सदा है, वो जो नहीं है वो कह रहा है ,
साथी यु तुम को मिले जीत ही जीत सदा |
बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||


जाओ जो लौट के तुम, घर हो खुशी से भरा,
बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||


कल पर्वतो पे कही बरसी थी जब गोलियां ,
हम लोग थे साथ में और हौसले थे जवां |
अब तक चट्टानों पे है अपने लहू के निशां ,
साथी मुबारक तुम्हे यह जश्न हो जीत का ,
बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||


कल तुम से बिछडी हुयी ममता जो फ़िर से मिले ,
कल फूल चहेरा कोई जब मिल के तुम से खिले ,
पाओ तुम इतनी खुशी , मिट जाए सारे गिले,
है प्यार जिन से तुम्हे , साथ रहे वो सदा ,
बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||

जब अमन की बासुरी गूजे गगन के तले,
जब दोस्ती का दिया इन सरहद पे जले ,
जब भूल के दुश्मनी लग जाए कोई गले ,
जब सारे इंसानों का एक ही हो काफिला ,
बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||

बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||


- जावेद अख्तर 


सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से कारगिल युद्ध के सभी अमर शहीदों को शत शत नमन !

5 टिप्‍पणियां:

  1. शत शत नमन ... देश पे कुर्बान होने वालों को ...

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  2. पाक की नापाक हसरत, सरहदों में दफन है।
    हिन्द की सेना बदौलत, हिन्द राहे अमन है।
    याद में कुर्बानियों की, आँख गीली हो भले,
    फख्र से सीना बढ़ा है, हिन्द अपना वतन है।


    जय हिन्द...

    जवाब देंहटाएं

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