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शनिवार, 6 नवंबर 2010

अलविदा ! वॉकमैन....

1979 में कैसेट वॉकमैन की लॉन्चिंग म्यूजिक लवर्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं थी। वॉकमैन ने म्यूजिक सुनने का स्टाइल ही बदल दिया। पार्को में लोग इसे कानों में लगाए जॉगिंग किया करते थे। उस वक्त इसकी गिनती सबसे पॉपुलर गैजेट्स में हुआ करती थी।
लेकिन अब यह बीते दिनों की बात होने वाली है। 3 दशक और 22 करोड़ से ज्यादा यूनिट्स बेचने के बाद कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद बनाने वाली कंपनी सोनी इलेक्ट्रॉनिक्स ने आखिरकार कैसेट वॉकमैन को फुल स्टॉप बोल दिया है। सोनी को लगता है यह गैजेट डिजिटल एज के साथ तालमेल नहीं बैठा सकता।
कैसेट वॉकमैन के खत्म होने के पीछे सबसे बड़ी वजह है डिजिटल एमपी3 प्लेयर्स, जो न केवल साइज में काफी छोटे हैं, बल्कि उनमें हजारों गाने सेव किए जा सकते हैं। सोनी के कैसेट वॉकमैन की बिक्री कम होने लगी। जबकि 1 जुलाई 1979 को पोर्टेबल कैसेट प्लेयर की लॉन्चिंग के साथ ही सोनी इलेक्ट्रॉनिक्स दुनिया की टॉप कंपनियों में शुमार हो गई थी। लॉन्चिंग के दो महीने में ही सोनी ने कैसेट वॉकमैन की 30 हजार यूनिट्स बेच दीं और एक दशक के भीतर यह संख्या 5 करोड़ तक पहुंच गई।
जब कैसेट वॉकमैन लॉन्च हुआ तो उसे बाजार से बेहद खराब प्रतिक्रिया मिली। उस वक्त बाजार में बड़े-बड़े टेप रिकॉ‌र्ड्स छाए थे, तो दुकानदारों ने कहा कि बिना रिकॉर्डिंग मैकेनिज्म वाला कैसेट प्लेयर बाजार में कैसे हिट करेगा। कैसेट वॉकमैन के डिजाइनर और सोनी के इंजीनियर नोबूतोशी किहारा के मुताबिक, उस वक्त प्रॉडक्ट्स के डिजाइनिंग स्केच हाथ से तैयार किए जाते थे। किहारा बताते हैं कि जब वे इसे डिजाइन कर रहे थे, तो उन्होंने आखें बंद कीं और ऐसे प्रोडक्ट की कल्पना की, जो किसी जॉगर के कान पर लगा हो और उसे जॉगिंग करते वक्त कोई दिक्कत न हो।
आलेख - हरेन्द्र चौधरी

7 टिप्‍पणियां:

  1. रोचक जानकारी...हर चीज़ का अंत एक न एक दिन तो होना ही है...इलेक्ट्रोनिक्स में तो परिवर्तन बहुत द्रुत गति से हो रहा है...

    नीरज

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  2. आपको एवं आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  3. मैंने भी अभी एक दो दिन पहले पढ़ा था की अब वॉकमैन बंद हो गया..
    आज तो वैसे भी याद आ गया था वॉकमैन..अपने एक ब्लॉग के एक पोस्ट में जिक्र भी किया मैंने आज...

    मैंने तो अपना फिलिप्स का वॉकमैन आज भी रखा है..कितनी यादें हैं उस वॉकमैन की...

    लेकिन वैसे बात सही है की वॉकमैन अब आई-पोड के ज़माने में नहीं चलने वाला..

    वॉकमैन की बात ही अलग थी...

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  4. बहुत सुंदर लेख मेरे पास आज भी वाक मेन नये का नया पडा हे चंद केसेट भी.

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  5. मेरे पास दो दो वाकमेन पड़े हुए हैं ... बहुत सारे कसेट भी ...
    पहले वाकमेन से गाना सुनता था ... फिर एक पोर्टेबल सीडी प्लेयर खरीदा ... वो भी चल बसा
    बाद में एक छोटा सा mp3 प्लेयर खरीदा ... फिर IPOD ... अब अपने मोबाइल पर सारी सुविधाएँ उपलब्ध हैं ...
    दुनिया आगे बढ़ रही है ... पता नहीं अब क्या इजाद होगा ...

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  6. ओह कौन कौन सी यादें आपना ताज़ा कर दीं शिवम भाई क्या जमाना था वाकमैन का भी सच में

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