सदस्य

 

शुक्रवार, 23 जुलाई 2010

भगवान् का लाख लाख शुक्र है !

आज का दिन बहुत बुरा जा रहा है ..............कार्तिक का आज एक छोटा सा एक्सिडेंट हो गया ! भगवान् का लाख लाख धन्यवाद की उसने कार्तिक की रक्षा की ! आप सब के आशीर्वाद से उसको ज्यादा चोट नहीं आई हैं और वह अब सदमे से भी बाहर है !

हुआ यह कि रोज़ की तरह मैं उसको स्कूल से लेने गया ...........कल कार्तिक स्कूल में अपनी २ किताबे छोड़ आया था ..........मैं उसकी टीचर से बात कर रहा था तभी रिक्शा वाले ने उसको बाहर बुलाया और वह मेरी बगल से स्कूल के गेट के बाहर खड़े रिक्शा वाले के पास जाने के लिए गेट से निकला और तभी ना जाने कहाँ से २ लड़के तेज़ी से बाइक से वहाँ से निकले और कार्तिक को टक्कर मारते हुए आगे बढ़ गए ! कार्तिक टक्कर से जमीन पर गिर गया और उसके सर का पिछला हिस्सा जमीन से टकरा गया और काफी खून निकलने लगा !

आवाज़ सुन मैं बाहर आया और देखा की कार्तिक की चोट से खून बह रहा है और वहाँ खड़े लोगो ने उन लडको को पकड़ रखा है .............मैंने जल्दी से कार्तिक के प्रिंसिपल से उनकी गाडी ले जाने के विषय में पुछा तो वह खुद मेरे साथ कार्तिक को ले कर हॉस्पिटल चलने को तैयार हो गए | १० मिनट में हम लोग हॉस्पिटल में थे और डाक्टर कार्तिक की चोट देख रहा था | यह जान बहुत राहत हुयी कि चोट गहरी नहीं थी और केवल पट्टी ही होनी थी !

पट्टी करवाने के बाद हम लोग प्रिंसिपल साहब की ही गाडी से घर तक आये और मैंने उनको धन्यवाद दिया तो वह बोले, "मिश्रा जी , कार्तिक हमारा भी तो बच्चा है......फिर धन्यवाद काहे का ?? "

घर पर तब तक रिक्शे वाले के मार्फ़त खबर हो चुकी थी और सब बेहद बेचैन थे ख़ास कर कार्तिक की दादी और माँ !

पूरे घटनाक्रम में यह अभी तक तय नहीं पाया हूँ कि गलती किस की थी ............पर हाँ यह जरूर है कि मेरे होते कार्तिक के इतनी चोट लग गयी ...........यह बात मुझे ताउम्र कचोटती रहेगी !

बस इतना जानता हूँ कि भगवान् ने आज मेरे कार्तिक की रक्षा करी है !

एक बात और यहाँ कहना चाहता हूँ...................आजकल हम अपने आस पास रोज़ देखते है कि छोटी उम्र के लड़के बाइक ले कर फर्राटे से इधर उधर घूमते रहते है यह कहाँ तक ठीक है ?? यह अनुभवहीन वाहन चालक क्या अपने साथ साथ सड़क पर चलने वालों की जान भी जोखिम में नहीं डालते ?? आज जो २ लड़के कार्तिक से टकराए थे उनकी उम्र भी १६ -१७ साल से ज्यादा नहीं रही होगी !

15 टिप्‍पणियां:

  1. भग्वान की दया है. शुभकामनायें!

    पूरे घटनाक्रम में यह अभी तक तय नहीं पाया हूँ कि गलती किस की थी
    गलती तो साफ-साफ उन लडकों की है. उनके पास लाइसेंस भी नहीं होगा।

    जवाब देंहटाएं
  2. ईश्वर का धन्यवाद है कि बालक कुशल है। ध्यान रखिए,मासूम बालक है।

    वर्तमान में 15-16 साल के बालकों की बाईक से फ़र्राटे भरने वाली पौध उग आई है सब जगहों पर।

    यहां तो मैने रोक कर कईयों को उनके बाप के सामने तमाचे लगाए हैं।

    अब माँ बाप भी इनका क्या करें? इनमें तो "धूम" धुंवा भरा है।

    जवाब देंहटाएं
  3. दुर्घटना के बारे में जानकार बहुत दुःख हुआ, कार्तिक को बहुत सारी हार्दिक शुभकामनायें ... घबराइए मत वो बहुत जल्दी बिलकुल तंदुरुस्त हो जायेगा ...
    और हाँ जहाँ तक बात है गलती की तो क्या इसमें भी कोई संदेह है ... दोष सौ प्रतिसत उन लफंगों का है, जिन्हें हमारे समाज ने बिगाड़ा है ...
    जी हाँ, सबसे बड़ी गलती तो समाज की है ... ऐसा नहीं है कि विदेशो में कम उम्र के लड़के लड़कियां गाड़ी नहीं चलते हैं ... पर वहां अगर कोई दुर्घटना हो तो उसकी सजा होती है ... जो हमारे यहाँ नहीं होती है ... इसका भी पर्याप्त कारण है ... भई, सजा दिलाने के लिए पुलिस के पास जाना है ...
    हमारी देश कि पुलिस खुद एक सजा से कम नहीं है ... और ये सजा उसको भुगतना पड़ता है जो दुर्घटना का शिकार हो ... अपराधी को इनसे कोई तकलीफ नहीं होती है ...
    चलिए आप इस सजे से उभर भी गए तो आगे हमारी न्यायपालिका है ... जो चलने में किसी कछुए को भी मात कर देगा ...
    कौन बेवक़ूफ़ जायेगा रपट लिखवाने ... और यही वजह है कि हमारे युवा आसानी से गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं ...

    माफ कर दीजियेगा, दुर्घटना के बारे में लिखते लिखते बात कहीं और पहुँच गई ...

    जवाब देंहटाएं
  4. शुक्र है कि बच्चे को कोई गंभीर चोट नहीं पहुची. बाकि बातें शैल साहब ने व्यक्त कर दी हैं मैं उनसे सहमत हूँ.

    जवाब देंहटाएं
  5. भगवान का लाख लाख धन्यवाद कि बच्चे को कोई गंभीर चोट नहीं पहुंची!

    जवाब देंहटाएं
  6. भगवान् का लाख लाख धन्यवाद की उसने कार्तिक की रक्षा की ! भगवान् के आशीर्वाद से भलाचंगा हो जाएगा!

    जवाब देंहटाएं
  7. शुक्र है भगवान का कि कार्तिक ठीक ठाक है । बच्चे को कोई चोट आए तो ज्यादा तकलीफ पेरेंट्स को ही होती है ।
    बेशक टीनेजर्स को बाइक देना भी अभिभावकों की ही गलती है ।

    जवाब देंहटाएं
  8. लगा कि मेरे बच्चे के साथ हुआ है ...ईश्वर ने उसकी रक्षा कि है !

    जवाब देंहटाएं
  9. आप सब का बहुत बहुत आभार ! आपको यह जान ख़ुशी होगी कि कार्तिक अब पहले से काफी बहेतर महसूस कर रहा है और अभी सो रहा है ............ कुछ देर पहले जनाब उठे थे ...... पर दर्द के कारण नहीं ...........सु सु करनी थी ! ;-)
    मैं दिल से यही मानता हूँ कि आज मेरे बेटे की रक्षा सिर्फ़, सिर्फ़ और सिर्फ़ उस परम पिता परमात्मा ने की है या यह सब उसको मिले तमाम आशीषो का नतीजा है, जो उसको आप लोगो से या बाकी परिजनों से समय समय पर मिलते रहे है ! अपने पूरे परिवार की ओर से आप सब से यही विनती करता हूँ कि कार्तिक पर अपना यह स्नेह हमेशा बनायें रखियेगा !
    आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत मंगलकामनाएँ...प्रभु सब अच्छा करेंगे.

    जवाब देंहटाएं
  11. सबसे ज्यादा दोष उन बेवकूफ माँ-बापों का है जो नबालिगों के हाथ में उनकी जिद से दब कर गाड़ियां थमा देते हैं बिना यह सोचे कि लाड़-प्यार में अंधे हो कर वह अपने बच्चों के साथ-साथ दूसरों की जान को भी खतरे में ड़ाल रहै हैं।
    कार्तिक जल्द स्वस्थ हो यही कामना है।

    जवाब देंहटाएं
  12. कितना क्यूट सा है कार्तिक ...अब देखिये उसे चोट लगी है और मैं हूँ कि...

    इन बाइक वालों की तो पूछिये मत। शुक्र है अपना छोटा हीरो सही सलामत है। हमारा ढ़ेर सारा प्यार दीजियेगा कार्तिक को और एक बड़ा-सा पप्पी भी... :-)

    जवाब देंहटाएं
  13. यार स्टंटबाजी करनें वाले बाईक सवारों को चप्पल से पीटना चाहिए।
    भतीजे को सकुशल देख कर मन को संतोष हुआ।
    ध्यान रखिए अभी उसका।

    सडक पर निकलनें के टाईम थोडा अधिक ध्यान रखनें की ज़रुरत है।

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणियों की मुझे प्रतीक्षा रहती है,आप अपना अमूल्य समय मेरे लिए निकालते हैं। इसके लिए कृतज्ञता एवं धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।

ब्लॉग आर्काइव

Twitter