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मंगलवार, 8 जून 2010

पहली बरसी पर विशेष :- अश्रुपूरित श्रद्धांजलि

आज से ठीक एक साल पहले हिंदी साहित्य और रंग मंच को घोर कठोर आघात लगा था उससे वह आज तक सदमे में है ! आज ही के दिन हिंदी साहित्य और रंग मंच के ४ धुरंधर खिलाडी मौत के सामने हार गए थे !
ज्ञात हो कि ठीक एक साल पहले आज ही के दिन एक सड़क दुर्घटना में मंच के लोकप्रिय कवि ओम प्रकाश आदित्य, नीरज पुरी और लाड सिंह गुज्जर का निधन हो गया था और ओम व्यास तथा ज्ञानी बैरागी गंभीर रूप से घायल हुए थे | सभी विदिशा से भोपाल एक इनोवा द्वारा म।प्र. संस्मृति विभाग द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में भाग ले कर वापस आ रहे थे |
दूसरी ओर जाने माने रंगकर्मी हबीब तनवीर का भी अचानक ही निधन हो गया | सभी कला प्रेमी सदमे में आ गए इन एक के बाद एक लगे झटको से ! कोई भी इन खबरों को पचा नहीं पा रहा था | पर होनी तो घट चुकी थी ! सिवाए शोक के कोई कर भी क्या सकता था ................................ सब ने इन महान कला सेवकों को अपनी अपनी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की |

आज इस दुखद घटना को घटे एक साल हो गया है तब भी इन सब विभूतियों के खो जाने का गम एकदम ताज़ा है ................... |


हबीब तनवीर जी, आदित्य जी, नीरज पुरी जी, और लाड सिंह गुज्जर जी को सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि |

15 टिप्‍पणियां:

  1. अश्रुपुरित श्रद्धांजलि...
    मुझे हबीब जी के साथ हुई एक छोटी सी मुलाकात आज याद हो आई। इतनी ऊंचाई पर होनें के बाद भी उनकी सरलता, आज के लोगों के लिए अनुकरणीय होनी चाहिए। महान व्यक्ति, महानतम व्यक्तित्व और असाधारण चरित्र।

    साहित्य और थियेटर जगत हमेशा कर्ज़दार रहेगा। भीगी पलकों से नमन.

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  2. शिवम जी! याद दिलाने का सुक्रिया... हमको सर्मिंदगी महसूस हो रहा है कि हम भूल कईसे गए... हमको फोन पर हमरे दोस्त टीवी पर खबर सुनकर बताए... हम गाड़ी पर थे कहीं बाहर जा रहे थे... शिवम भाई बहुत बहुत धन्यवाद..ईश्वर उन सबका आत्मा को सांति दे!!!

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  3. हमारी तरफ़ से अश्रुपुरित श्रद्धांजलि...

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  4. हबीब तनवीर जी, आदित्य जी, नीरज पुरी जी, और लाड सिंह गुज्जर जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि...

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  5. कलाजगत के इस गंभीर क्षति और बेहद दुखदायी घटना पर क्या प्रतिक्रिया दें ...हो सके तो इन के आश्रितों का हाल क्या है मालूम करें और अगर कोई मुसीबत में है तो मैं व्यक्तिगत और सामूहिक तौर पर साथ हूँगा ! चूंकि आपको इस मौके पर उनकी याद आयी है अतः यह पुण्य कार्य भी आप ही करें ! अन्यथा नयी पोस्ट के साथ हम सब कल इन्हें भूल जायेंगे ! मैं अपना पता दे रहा हूँ ! सादर
    satish saxena
    satish1954@gmail.com
    +919811076451

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  6. सतीश भाई,
    आपसे बात कर बहुत अच्छा लगा ..........आज जो ज़िम्मेदारी आपने मुझे दी है, मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि उस ज़िम्मेदारी को मैं पूरी इमानदारी से निभाऊ ! आपसे संपर्क में बना रहूगा |

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  7. ऐसे लगता है...अभी कल की बात हो.. एक साल हो गया हादसे को। कवियों को मेरा नमन।

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  8. वक्त इतना जल्दी बीत जाता है की कुछ पता ही नहीं चलता! देखते देखते एक साल हो गए इस हादसे को! मेरी तरफ से श्रधांजलि !

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  9. meri bhi विनम्र श्रद्धांजलि।

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