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बुधवार, 22 जुलाई 2009

बाजार को लगा मुनाफावसूली का ग्रहण


देश की तीसरी बड़ी आईटी कंपनी विप्रो के बेहतर वित्तीय नतीजे भी बाजार को गिरने से नहीं बचा सके। निवेशकों ने लगातार दूसरे दिन भी मुनाफावसूली जारी रखी। इसके चलते बंबई शेयर बाजार [बीएसई] का सेंसेक्स बुधवार को फिर 15 हजार के नीचे आ गया। यह 219.37 अंक गिरकर 14843.12 पर बंद हुआ। एक दिन पहले यह 15062.49 अंक पर बंद हुआ था। इसी प्रकार नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 70.20 अंक लुढ़ककर 4398.90 पर बंद हुआ। मंगलवार को यह 4469.10 अंक पर था।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सुबह 15124.92 अंक पर मजबूत खुला। ऊंचे में 15369.42 अंक तक चढ़ने के बाद इसमें बिकवाली का ग्रहण लग गया। यह सत्र के दौरान 14786.58 अंक के निचले स्तर तक भी लुढ़का। कारोबार के दौरान निफ्टी ऊंचे में 4557.95 और नीचे में 4380.45 अंक के दायरे में रहा। सरकार द्वारा बैंकिंग, पेंशन और बीमा क्षेत्र में सुधार में तेजी लाने का आश्वासन देने के बाद बीते सप्ताह से शुरू होकर इस हफ्ते के पहले कारोबारी दिन तक सेंसेक्स ने कुलांचे भरे। इसके बाद मंगलवार से ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली शुरू हो जाने से बाजार का रुख नीचे की ओर हो गया है। इस दिन आए विप्रो के नतीजों में कंपनी ने मंदी के बावजूद अपने लाभ में 12 फीसदी का इजाफा दिखाया है। दोपहर में कारोबार के दौरान यूरोपीय एवं एशियाई बाजारों में गिरावट का रुख रहा। इससे घरेलू बाजार में धारणा बुरी तरह प्रभावित हुई। विदेशी संस्थागत निवेशक भी फिर से बिकवाल बन गए हैं।

बाजार में बिकवाली का दबाव इतना ज्यादा था कि बीएसई में किसी भी वर्ग का सूचकांक गिरावट से नहीं बच पाया। इसकी सबसे ज्यादा मार कैपिटल गुड्स, आटो, पीएसयू व आईटी वर्ग के शेयरों पर पड़ी। मिडकैप व स्मालकैप सूचकांक भी गिरकर बंद हुए। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में केवल 4 के शेयर बढ़त बनाने में कामयाब हो पाए, अन्य सभी में नुकसान हुआ।

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