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बुधवार, 22 जुलाई 2009

सूर्य ग्रहण देख रोमांचित हो उठे देशवासी


पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा के आ जाने के कारण खग्रास सूर्य ग्रहण की आकाशीय घटना घटित होते ही लोग रोमांचित हो उठे।

असम के डिब्रूगढ़ में इकट्ठा हुए खगोलविद और आम लोगों ने सुबह 6:31 बजे से लेकर 6:34 बजे तक इस आकाशीय नजारे का लुत्फ लिया। लेकिन बिहार के तारेगना में लोग इतने भाग्यशाली नहीं रहे क्योंकि बादलों के कारण सूर्य पूरी तरह ढंका हुआ था। इस स्थान को इस सदी के सबसे लंबे सूर्य ग्रहण को देखने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थानों में से एक माना गया था।

यह आकाशीय नजारा सुबह 5:45 बजे शुरू हुआ और इसे देखने के लिए देश भर के अधिकांश हिस्सों के लोग सुबह सवेरे जाग गए थे। इसका समापन 7:24 बजे हुआ। दिल्ली में बादल लुका छिपी खेलते रहे लेकिन सूर्य ग्रहण को देखने के लिए हजारों लोग अनेक स्थानों पर इकट्ठा हुए थे। बताया गया था कि शहर में सूर्य का 85 प्रतिशत हिस्सा चंद्रमा ढंक लेगा।

राजधानी में 6:26 बजे पर हंसिए जैसी आकृति लिए सूर्य का अधिकतम 83 प्रतिशत हिस्सा ढंक चुका था। राजधानी के नेहरू तारामंडल में अनेक लोगों ने इस रोमांचक आकाशीय परिघटना को देखा। इसके लिए तारामंडल ने विशेष व्यवस्था की थी।

लोगों को इस सूर्य ग्रहण को देखने की सुविधा देने के लिए प्रोजेक्टर, दूरबीन और विशेष सौर फिल्टर आदि का खास इंतजाम किया गया था। राजधानी में पिछले आंशिक सूर्य ग्रहण 26 जनवरी 2009 को देखा गया था।

कोलकाता में आज सुबह बादल छाए रहने के बावजूद 91 प्रतिशत आंशिक सूर्य ग्रहण देखा जा सका। सिक्किम में बारिश और बादल छाए रहने के कारण लोग सूर्य ग्रहण देखने से वंचित रह गए। हरियाणावासियों को इस आसमानी नजारे को देखने का मौका मिला। इस मौके पर लोगों ने पवित्र सरोवरों में स्नान भी किया। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यहां सुरक्षा के यहां विशेष इंतजाम किए गए थे। रेगिस्तानी राज्य राजस्थान के अधिकांश हिस्सों के लोग उस समय निराश हो गए जब राज्य के ज्यादातर भागों में बदली छाए रहने के कारण लोग इस अद्भुत नजारे से वंचित रह गए। राजस्थान के बीकानेर, कोटा, उदयपुर, गंगानगर और हनुमानगढ़ वासियों ने सूर्य ग्रहण का नजारा देखा। गुलाबी नगरी जयपुर में 6:32 बजे डेढ़ मिनट के लिए सूर्य ग्रहण ने अपनी झलक दिखाई।

देश के पश्चिमी इलाकों में वर्षा और बादलों के कारण लोग सूर्य ग्रहण नहीं देख सके। भोपाल में कटारा हिल्स में बारिश के कारण रंग में भंग पड़ गया हालांकि तीन मिनट तक चले पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान अंधेरा छा गया जबकि मध्य प्रदेश के कटनी में लोगों ने इस खगोलीय घटना का लुत्फ उठाया।

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